Dreams

Friday, March 21, 2014

दंगा ही दंगा है, दंगा दर दंगा है (c) Copyright



दंगा ही दंगा है..दंगा बस दंगा है
चुनावी सरगर्मी से सराबोर धरा में
चोरों के हाथों में देखो तिरंगा है
बगल में छुरी है, होंटो पे गंगा है
दंगा ही दंगा है, दंगा दर दंगा है

दंगा ही दंगा है, दंगा बस दंगा है
कौन पराया यहाँ, कौन यहाँ संगा है
अंतर क्या है देश कौन चलाएगा
अरबों के खर्चे में देश तो नंगा है
दंगा ही दंगा है, दंगा दर दंगा है

दंगा ही दंगा है, दंगा बस दंगा है
क्षेत्र चाहे गुजरात, अमेठी, चाहे दरभंगा है
जो खड़ा हो रहा कहीं से भी
वो नेता कहाँ, बस मत बटोरता भिखमंगा है
दंगा ही दंगा है , दंगा दर दंगा है

दंगा बस ये नहीं, जनता भी दंगा है
लौ जली नहीं कि झट से पतंगा है
एक बोतल और बिरयानी का खेल बस है
क्यूँकि गुरु रविदास कह गये हैं सबसे
मन चंगा है तो कठौती में गंगा है
दंगा ही दंगा है , दंगा दर दंगा है

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